Gramin Avam Samajik Chetna mein Fadishwarnath Renu Ka Hindi Khani Sahitya
DOI:
https://doi.org/10.57067/pprt.2022.1.1.4Keywords:
यथार्थवादी, शिक्षा, जातीयता, ग्रामकथा, और लोकAbstract
फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्धि ग्रामकथा-लेखन और यथार्थवादी से हुआ है। फणीश्वरनाथ रेणु को विशेषतः मैला आँचल' और 'परती परिकथा के रूप में याद किया जाता है जबकि रेणु जी ने पाँच दर्जन से अधिक कहानियों की भी रचना की है। रेणु की पहली औपन्यासिक कृति मैला आँचल का प्रकाशन में हुआ। उसे गोदान के बाद का दूसरा महाकाव्यात्मक उपन्यास माना गया।'रेणु' के आशावान मन शैक्षणिक प्रगति से गांव की सामूहिक प्रगति का सपना देखता है, जातीयता का टूटन चाहता बहुत कुछ बदलाव आता भी है। गांव के नवयुवक और स्त्रियां जितेन्द्र की हवेली में आने लगती है। नवयुवक सुवंश- मलारी के प्रेम संबंधों को लेकर उठे वितंडावाद में उसका साथ देते हैं। शिक्षा औद्योगीकरण एवं आधुनिकीकरण गांव को नयी मानसिकता प्रदान करते है। अंधविश्वासों के जड़बद्धता संस्कार अब हिलने लगे हैं। रेणु को ग्राम परिवेश का समग्र बोध है। उन्हें उसके यथार्थ की गहरी परख और पहचान है जिसे वे लोक तत्वों की समाहिति से और भी गहरा चित्रित करते हैं। इस चित्रण में 'रेणु' विभिन्न बारीकियों, अनेक कोणों एवं विविध आयामों से परिवेश की जीवन्त सृष्टि करते हैं।
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