Gramin Avam Samajik Chetna mein Fadishwarnath Renu Ka Hindi Khani Sahitya

Authors

  • Dr Mahendra Singh असिस्टेंट प्रोफेसर ,हिंदी विभाग ,गन्ना कृषक कॉलेज,बलरामपुर

DOI:

https://doi.org/10.57067/pprt.2022.1.1.4

Keywords:

यथार्थवादी, शिक्षा, जातीयता, ग्रामकथा, और लोक

Abstract

 फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्धि ग्रामकथा-लेखन और यथार्थवादी से हुआ है। फणीश्वरनाथ रेणु को विशेषतः मैला आँचल' और 'परती परिकथा के रूप में याद किया जाता है जबकि रेणु जी ने पाँच दर्जन से अधिक कहानियों की भी रचना की है। रेणु की पहली औपन्यासिक कृति मैला आँचल का प्रकाशन में हुआ। उसे गोदान के बाद का दूसरा महाकाव्यात्मक उपन्यास माना गया।'रेणु' के आशावान मन शैक्षणिक प्रगति से गांव की सामूहिक प्रगति का सपना देखता है, जातीयता का टूटन चाहता बहुत कुछ बदलाव आता भी है। गांव के नवयुवक और स्त्रियां जितेन्द्र की हवेली में आने लगती है। नवयुवक सुवंश- मलारी के प्रेम संबंधों को लेकर उठे वितंडावाद में उसका साथ देते हैं। शिक्षा औद्योगीकरण एवं आधुनिकीकरण गांव को नयी मानसिकता प्रदान करते है। अंधविश्वासों के जड़बद्धता संस्कार अब हिलने लगे हैं। रेणु को ग्राम परिवेश का समग्र बोध है। उन्हें उसके यथार्थ की गहरी परख और पहचान है जिसे वे लोक तत्वों की समाहिति से और भी गहरा चित्रित करते हैं। इस चित्रण में 'रेणु' विभिन्न बारीकियों, अनेक कोणों एवं विविध आयामों से परिवेश की जीवन्त सृष्टि करते हैं।

References

फणीश्वरनाथ रेणु मैला आँचल ।

भारत यायावर, रेणु रचनावली- पृ० सं० 15

भारत यायावर, रेणु रचनावली- पृ० सं० 16

कुमकुम राय, प्रेमचन्द और फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यासों में ग्राम्य जीवन और संस्कृति पृ० 133

लक्ष्मी सागर वार्ष्णेय हिन्दी उपन्यास उपलब्धियों, पृ0 61

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स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास- डॉ० कांति वर्मा, पृ० 194

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श्री महेन्द्र चतुर्वेदी : "हिन्दी उपन्यास एक सर्वेक्षण' पृ० 212 [10] सम्पादकीय "नये उपन्यास" - आलोचना, अक्टूबर 57, पृ० 1[11] "जुलूस" पृ0 104

रोल्पफ फॉक्स, उपन्यास और लोक जीवन पृ० 14

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Published

2022-08-31

How to Cite

Gramin Avam Samajik Chetna mein Fadishwarnath Renu Ka Hindi Khani Sahitya . (2022). Knowledgeable Research: A Multidisciplinary Journal, 1(1), 26-31. https://doi.org/10.57067/pprt.2022.1.1.4